Ambedkar Jayanti 2025: 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश, जानें बाबासाहेब के योगदान की कहानी

14 अप्रैल 2025 को Ambedkar Jayanti के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश रहेगा। यह दिन डॉ. अंबेडकर के संवैधानिक योगदान और सामाजिक न्याय के संघर्ष को समर्पित है। सरकारी कार्यक्रमों, शैक्षणिक गतिविधियों और जनजागरण रैलियों के माध्यम से उनके विचारों को प्रसारित किया जाएगा।

Ambedkar Jayanti 2025: 14 अप्रैल को राष्ट्रीय अवकाश, जानें बाबासाहेब के योगदान की कहानी

भारत सरकार ने 14 अप्रैल 2025 को डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती (Ambedkar Jayanti 2025) के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया है। यह दिन देशभर में “भारतीय संविधान के निर्माता” और सामाजिक न्याय के प्रणेता डॉ. अंबेडकर को समर्पित है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार, इस दिन सभी सरकारी कार्यालय, बैंक, स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे। राज्य सरकारों ने भी इस अवकाश को मान्यता देते हुए जनता से इस दिन को सामाजिक समानता और शिक्षा के प्रसार के लिए समर्पित करने का आह्वान किया है।


कौन थे डॉ. भीमराव अंबेडकर?

डॉ. बी.आर. अंबेडकर (1891-1956) का जन्म 14 अप्रैल को महाराष्ट्र के महू में एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने भारतीय संविधान (Constitution of India) का मसौदा तैयार करने में अहम भूमिका निभाई और देश को “जातिविहीन समाज” का सपना दिखाया। अंबेडकर ने दलित अधिकार (Dalit Rights)महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के अधिकार के लिए आजीवन संघर्ष किया। 1956 में, उन्होंने लाखों अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म अपनाकर जाति व्यवस्था के खिलाफ ऐतिहासिक विरोध दर्ज किया।


Ambedkar Jayanti कैसे मनाई जाती है?

  • सरकारी कार्यक्रम: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और राज्यों के मुख्यमंत्री दिल्ली स्थित अंबेडकर स्मारक (Ambedkar Memorial) पर उनकी मूर्ति पर माल्यार्पण करते हैं।
  • शैक्षणिक संस्थान: स्कूलों में निबंध प्रतियोगिता, वाद-विवाद और नाटकों के माध्यम से अंबेडकर के विचारों को प्रस्तुत किया जाता है।
  • जनजागरण रैलियाँ: दलित संगठन और एनजीओ “समानता और शिक्षा” के नारे के साथ रैलियाँ निकालते हैं।
  • सामाजिक प्रतिज्ञा: लोग जातिवाद और छुआछूत के खिलाफ प्रतिज्ञा लेते हैं।

2025 में क्या खास होगा?

  • डिजिटल प्रदर्शनी: संस्कृति मंत्रालय ने “अंबेडकर: द डिजिटल लीगेसी” नाम से एक ऑनलाइन प्रदर्शनी लॉन्च की है, जिसमें उनके हस्तलिखित दस्तावेज़ और भाषण शामिल हैं।
  • विशेष ट्रेन: रेलवे ने “अंबेडकर जयंती एक्सप्रेस” ट्रेन की घोषणा की है, जो दिल्ली से नागपुर (दीक्षाभूमि) तक चलेगी।
  • शिक्षा योजनाएँ: केंद्र सरकार दलित छात्रों के लिए 10,000 नई छात्रवृत्तियाँ शुरू करेगी।

Ambedkar Jayanti का ऐतिहासिक महत्व

14 अप्रैल को दुनिया भर में Equality Day के रूप में भी मनाया जाता है। यूनेस्को ने 2021 में अंबेडकर के “Annihilation of Caste” भाषण को विश्व विरासत दस्तावेज़ घोषित किया था। 2025 में, उनकी 134वीं जयंती पर “सामाजिक न्याय सप्ताह” मनाया जाएगा, जिसमें देशभर में सेमिनार और फिल्म फेस्टिवल आयोजित होंगे।

निष्कर्ष

Ambedkar Jayanti 2025 सिर्फ एक अवकाश नहीं, बल्कि समाज में समानता और शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को नवीनीकृत करने का दिन है। डॉ. अंबेडकर के विचार आज भी भेदभाव, गरीबी और अशिक्षा के खिलाफ लड़ाई में प्रेरणा देते हैं। इस दिन, हम उनके सपनों को साकार करने का संकल्प लें – “एक राष्ट्र, एक संविधान, एक समान अधिकार।”

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